" जाति "
जाति ,,, जाति ,,, जाति ,,,
जाति ,,, जाति,,, जाति ,,,
जाति ,,, जाति,,, जाति ,,,
जाति से सवाल ,,,,,,,,,,,,,
ऐ " जाति " तू कौन है ,
तू कहाँ से आई ।
तू किस लिए आई ।
ऐ " जाति " क्या तुझे मालूम है कि तेरी वजह से ब्राह्मण कहता है कि मैं सबसे बड़ा , क्षत्रिय और वैश्य कहता है कि मैं भी बड़ा ।
ऐ "जाति" क्या तुझे मालूम है ये तीनो ऊपर वाले कहते हैं कि शुद्र सबसे निचा ।
ऐ "जाति " क्या तुझे मालूम है कि तेरी वजह से दलित समाज ने हजारों सालों से अमानवीय यातनायें झेला है।
ऐ " जाति " क्या तुझे मालूम है कि तेरी वजह से दलित समाज को जानवरो से भी बदतर जीवन जिना पड़ा ।
ऐ "जाति " क्या तुझे मालूम है कि तेरी वजह से दलित समाज को हजारों साल से नीच अछूत बनाया गया है ।
ऐ " जाति " क्या तुझे मालूम है कि तेरी वजह से दलितों को कुओ और तालाबो से पानी भरना मना था । जिन तालाबो में जानवर मल मूत्र त्यागते थे अगर दलित समाज का व्यक्ति उस तालाब से पानी भर लेता था तो वह तालाब अपवित्र हो जाता था ।
ऐ " जाति " क्या तुझे मालूम है तेरी वजह से ऊंच लोग हमारे पूर्वजो की परछाई से दूर भागते थे ।
ऐ " जाति " क्या तुझे मालूम है की तेरी वजह से हमारे लोगो को गले में मटकी और कमर में झाड़ू बंधना पड़ता था ।
ऐ " जाति " क्या तुझे मालूम है कि तेरी वजह से हमारे पूर्वज अनपढ़ , गंवार , निर्धन , निर्बल , लाचार असहाय बने रहे ।
ऐ " जाति क्या तुझे मालूम है कि तेरी वजह से 33 करोड़ देवी देवता और भगवानो ने हमारी कोई मदद नही की ।
ऐ " जाति " क्या तुझे मालूम है कि तेरी वजह से शम्बूक ऋषि की हत्या राम ने की ।
ऐ " जाति " क्या तुझे मालूम है कि तेरी वजह से एकलव्य को अपना अंगूठा गंवाना पड़ा ।
ऐ "जाति " क्या तुझे मालूम है तेरी वजह से संत रविदास को अपमानित होना पड़ा ।
ऐ "जाति ' क्या तुझे मालूम है कि तेरी वजह से छत्रपति शिवाजी महाराज के माथे पर काशी का गागाभट्ट ब्राह्मण शुद्र मानकर अपने पैर के बाये अंगूठे से तिलक लगाया
ऐ " जाति " क्या तुझे मालूम है कि तेरी वजह से छत्रपति शाहू जी महाराज को अपमानित होना पड़ा ।
ऐ "जाति " क्या तुझे मालूम है कि तेरी वजह से ज्योतिबा फुले जी को ब्राह्मण दोस्त की शादी में से अपमानित कर के निकाल दिया गया ।
ऐ "जाति " क्या तुझे मालूम कि तेरी वजह से माता सावित्री बाई फुले के मुंह पर गोबर फेका गया ।
ऐ " जाति " क्या तुझे मालूम है कि हमारे उद्धारकर्ता परम पूज्य डॉक्टर बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर जब पढ़ने के लिए पाठशाला गए तो उन्हें कक्षा के बाहर बैठाया गया ।
ऐ "जाति " क्या तुझे मालूम है कि तेरी वजह से महान विद्वान् होने पर भी बाबा साहब को कदम कदम पर अपमानित होना पड़ा ।
ऐ "जाति " क्या तुझे मालूम है कि तेरी वजह से आज भी हमे जाति के नाम पर अपमानित होना पड़ता है ।
ऐ " जाति " क्या तुझे मालूम है कि तेरी वजह से हमारी माँ बहनो पर सबसे ज्यादा जुल्म अत्याचार होते हैं ।
ऐ " जाति " क्या तुझे मालूम है कि तेरी वजह से खैरलांजी में बलात्कार और हत्या होती है ।
ऐ "जाति " तेरी वजह से दलित समाज ने 5000 सालो से न जाने कितने जुल्म अत्याचार सहे ।
ऐ " जाति " तेरी वजह से इंसान , इंसान को घृणा और और नफ़रत की नजर से देखता है ।
ऐ " जाति '" तू इस धरती से हमेशा हमेशा के लिए चली क्यों नही जाती ।
ऐ " जाति "
तू पापन है ,
तू कलंकिनी है ,
तू निर्दयी है ,
तू बेरहम है ।
तू कस्टदायनी है
तू जुल्मी है
तू हत्यारनि है
तू अत्याचारनी है
तू ढोंग है
तू पाखंड
तू अन्धविश्वास है
तू किसी नदी नाले में डूब कर
मर क्यों नही जाती ।
मर क्यों नही जाती ।
तू मर जा
मर जा
मर जा
डूब के मर जा ,,,,,,,,,,,,
ताकि
इस देश में समानता हो ।
एक दूसरे का सम्मान हो
इस देश में भाईचारा हो
इस देश में अमन सुख चैन हो
और
यह भारत देश बौद्धमय हो
नमो बुद्धाय
जय भीम
Subkuch yaha "Jaati" se hi to hai. Ab "Manwata" ki paribhasa bhi "Jaati" se hi hai.
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